ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई :
भारत ने कहा कि ईरान के नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की भारतीय मुसलमानों पर की गई टिप्पणी अस्वीकार्य है। पैगम्बर मोहम्मद की जयंती पर एक्स पर पोस्ट करते हुए ईरानी नेता ने भारतीय मुसलमानों को गाजा में रहने वाले मुसलमानों के साथ जोड़ दिया था और उनकी पीड़ा के बारे में बात की।
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने सोमवार को गाजा और म्यांमार के साथ भारत को उन स्थानों में शामिल किया जहाँ मुसलमान पीड़ित हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया की हम ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। नई दिल्ली ने भी कहा ये गलत सूचना पर आधारित हैं। अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वालो को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में टिप्पणी करने से पहले अपने रिकॉर्ड देखें।
भारत ईरान से खुश नहीं है खासकर ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई से जिसने सोमवार, 16 सितंबर को विदेश मंत्रालय (एमईए) ने भारत में अल्पसंख्यकों पर ईरानी नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे गलत सूचना बताया। दोनों देश भारत और ईरान पुराने संबंध साझा करते हैं और साझेदार बने हुए हैं। तेहरान भारत के कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा लेकिन पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुआ है।
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ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट में क्या कहा जानें :
हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर एक मुसलमान द्वारा झेली जा रही पीड़ा से अनजान हैं। इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा हमें इस्लामी उम्माह के रूप में हमारी साझा पहचान के संबंध में उदासीन बनाने की कोशिश की है। सोमवार, 16 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पैगंबर मुहम्मद की जयंती के अवसर पर अयातुल्ला खामेनेई ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा की इस्लाम के दुश्मनों ने हमें इस्लामी उम्माह के रूप में हमारी पहचान के संबंध में उदासीन बनाने की कोशिश की है।
यह टिप्पणी ईरान और इजरायल के बीच शत्रुता बढ़ने के बीच आई और ऐसी स्थिति ने नई दिल्ली में असहजता पैदा कर दी।
भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं। 80 प्रतिशत तेल पश्चिम एशिया से आता है और इजरायल के साथ रणनीतिक संबंध रक्षा और सुरक्षा के संदर्भ में विकसित हो रहे हैं। तेहरान पश्चिम एशिया में कच्चे तेल का बड़ा आपूर्तिकर्ता है। नई दिल्ली और तेहरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आतंकवाद की चिंताओं को भी साझा करते हैं।
आतंकवाद भी भारत को इजरायल के साथ जोड़ता है दोनों देश मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान पीड़ित थे और यही कारण है कि भारत ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों के शुरुआत में इजरायल का समर्थन किया था।
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नई दिल्ली ने क्या जवाब दिया ?
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की टिप्पणी नई दिल्ली को पसंद नहीं आई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ईरान की आलोचना करते हुए एक तीखा बयान जारी किया। की हम ईरान के नेता खामेनेई द्वारा भारत के अल्पसंख्यकों के लिए की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। ये गलत और अस्वीकार्य हैं।
यह टिप्पणी और उसके बाद की फटकार महसा अमीनी की मृत्यु की दूसरी वर्षगांठ पर आई। अमीनी कोण थी ? अमीनी 22 वर्षीय ईरानी महिला थी जिनकी ईरान के गश्त-ए-इरशाद की हिरासत में अनुचित कपड़ों के कारण अप्रत्याशित रूप से मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु ने देश में आक्रोश पैदा कर दिया जिसमें महिलाओं ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था और उनमें से कई महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से अपने बाल भी कटवा लिए थे। विरोध प्रदर्शनों के कारण ईरान के अधिकारियों ने सैकड़ों महिलाओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
अमीनी की दूसरी पुण्यतिथि पर भी कई ईरानी महिलाओं ने विरोध में सूर्यास्त के बाद अपने बाल खुले रखकर तेहरान की सड़कों पर सैर की। और तेहरान की एविन जेल में कई महिलाओं ने अमीनी की याद में भूख हड़ताल की।
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ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की भारत पर पहले की टिप्पणी जानें :
यह पहली बार नही है जब ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने भारत में मुसलमानों और देश में उनकी स्थिति पर टिप्पणी की है। जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त किया तब भी अयातुल्ला खामेनेई ने चिंता व्यक्त की थी।
उन्होंने तब एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट में कहा था हमारे भारत के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन हमें उम्मीद हैं कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति न्यायपूर्ण नीति अपनाएगी और इस क्षेत्र में मुसलमानों के उत्पीड़न को रोकेगी।
2020 में ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने नई दिल्ली दंगों की पृष्ठभूमि में भारतीय अधिकारियों से कट्टरपंथी हिंदुओं का सामना करने और मुसलमानों के नरसंहार को रोकने का आग्रह किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया जिसमें लिखा भारत में मुसलमानों के नरसंहार पर दुनिया भर के मुसलमानों का दिल दुखी है।
और 2017 में ईद पर एक भाषण में अयातुल्ला खामेनेई ने जम्मू-कश्मीर की तुलना बहरीन और यमन से की और मुस्लिमो से इन क्षेत्रों के लोगों के समर्थन के लिए कहा की मुस्लिम लोगों को यमन, बहरीन और जम्मू-कश्मीर के लोगों का समर्थन करना चाहिए और उन पर हमला करने वालो का खंडन करे।
ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की टिप्पणी देश के तत्कालीन विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ द्वारा दंगों की निंदा के कुछ समय बाद आई जिस पर भारत ने कड़ी आलोचना की।
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भारत और ईरान के संबंध जानें :
यह कम संभावना है कि ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की टिप्पणी भारत और ईरान के संबंधों को प्रभावित करेगी जो लंबे समय से हैं। हाल ही में दोनों देशों ने ईरान के चाबहार में शाहिद बेहेश्टी पोर्ट टर्मिनल के संचालन के लिए एक दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह पहली बार है जब भारत किसी विदेशी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथो में लेगा। इसके अतिरिक्त 2022-23 में ईरान के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 2.33 बिलियन डॉलर तक पहुँचा। लेकिन अब तेहरान के साथ नई दिल्ली के व्यापार में गिरावट आई।