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अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर : सेबी ने जुर्माना क्यों लगाया ?

अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर : सेबी ने जुर्माना क्यों लगाया ?

अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर जुर्माना क्यों जाने :

सोमवार, 26 अगस्त को रिलायंस पावर लिमिटेड के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई है। शेयर में 5 प्रतिशत की और गिरावट के कारण 32.73 रुपये पहुंच गया। इस कीमत पर यह एक साल के उच्चतम मूल्य 38.07 रुपये से 14.03 प्रतिशत गिर चुका जो की पिछले सप्ताह शुक्रवार को देखा गया था। प्रतिभूति बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पूर्व प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों (केएमपी) सहित 24 अन्य संस्थाओं को धन के डायवर्जन के लिए प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों (रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस पावर और रिलायंस कम्युनिकेशंस) के शेयरों ने अपने निचले स्थर को छू लिया जिसके बाद निवेशकों ने शेयर खरीदना बंद कर दिया रिलायंस पावर का शेयर बीएसई पर 5 प्रतिशत गिरकर 32.73 रुपये हो गया।

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने लगाया जुर्माना :

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें 5 साल के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के रूप में बाजार से जुड़ने पर भी रोक लगाई है। जिससे आरएचएफएल के हितधारकों के साथ-साथ विनियमित वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं की अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अंबानी और अन्य 24 संस्थाओं पर लगाया गया कुल जुर्माना 625 करोड़ रुपये से भी अधिक है।

अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में और जानकारी :

रिलायंस पावर लिमिटेड सेबी के समक्ष कार्यवाही में नोटिस नहीं था जिसमें आदेश पारित हुआ है। और उनके खिलाफ आदेश में कोई निर्देश नहीं दिए गए। अनिल अंबानी ने उसी कार्यवाही में सेबी द्वारा पारित 11 फरवरी 2022 के आदेश अनुसार रिलायंस पावर लिमिटेड के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसी कारण सेबी द्वारा पारित 22 अगस्त 2024 के आदेश का रिलायंस पावर लिमिटेड के व्यवसाय और मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

फिर कुछ रिपोर्टों में काउंटर गुलजार हो गया जिसमें बताया गया कि अडानी पावर ने नागपुर में थर्मल पावर प्रोजेक्ट का अधिग्रहण करने में है जो अनिल अंबानी की दिवालिया रिलायंस पावर लिमिटेड के स्वामित्व में थी। आरएचएफएल मामला में सेबी ने आरएचएफएल गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) की जांच शुरू की जो आवास ऋण, संपत्ति के खिलाफ ऋण और निर्माण वित्त पर आधारित है।

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सेबी ने आदेश में कंपनी के प्रबंधन और प्रमोटर द्वारा सैकड़ों करोड़ रुपये के ऋण को उन कंपनियों को मंजूरी देने में लापरवाही का उल्लेख किया है जिनके पास कोई संपत्ति या नकदी प्रवाह या निवल मूल्य या राजस्व नहीं था। स्थिति तब और भी संदिग्ध हो गई जब यह विचार किया गया कि इनमें से कई उधारकर्ता आरएचएफएल के प्रमोटरों से जुड़े थे। इनमें से अधिकांश उधारकर्ता ऋण चुकाने में विफल रहे जिससे आरएचएफएल अपने स्वयं के ऋण दायित्वों पर रह गया। इसी कारण आरबीआई फ्रेमवर्क के तहत कंपनी का समाधान हुआ और इसके सार्वजनिक शेयरधारक मुश्किल का सामना कर रहे है।

अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की प्रतिक्रिया :

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा गया की सेबी द्वारा शेयर बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित किए जाने और 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद वे कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने 11 फरवरी 2022 के सेबी के अंतरिम आदेश के मद्देनजर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था और ढाई साल से उक्त अंतरिम आदेश का पालन कर रहे हैं। और बताया भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी अनिल अंबानी पर 25 करोड़ का जुर्माना और 5 साल के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ बाजार से जुड़ने पर भी रोक लगाई है।

 

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