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ओम बिरला बनाम के सुरेश : संसद में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव

ओम बिरला बनाम के सुरेश : संसद में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव

संसद में लोकसभा अध्यक्ष चुनाव के बारे में जाने :

भारत में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला ने मंगलवार को नामांकन किया। इसी बिच इंडिया गठबंधन ने बिरला के खिलाफ कांग्रेस सांसद के सुरेश को अध्यक्ष पद के लिए सामने लाया है। पहले इंडिया गठबंधन ने कहा था कि वह स्पीकर पद के लिए एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेगा चाहे उन्हें डिप्टी स्पीकर पद ही मिले।

इंडिया गठबंधन ने केरल से आठ बार के कांग्रेस सांसद के सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आगे लाया है। इस नामांकन से संसद में पहली बार भारत की आजादी के बाद लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा।

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इंडिया गठबंधन ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया। 26 जून बुधबार को अध्यक्ष का चुनाव होगा जो 24 जून से 3 जुलाई तक चलने वाले संसद सत्र की शुरुआत करेगा।
नई लोकसभा की शुरुआत से पहले यह पद खाली हो जाता है। राष्ट्रपति नये निर्वाचित सांसदों कि शपथ के लिए अध्यक्ष चुनाव के परिणाम से पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करता हैं।

केरल के दलित नेता कोडिकुन्निल सुरेश अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं शुरूआत में विपक्ष ने उन्हें उपसभापति नामित करने की योजना बनाई लेकिन सरकार और विपक्ष के बीच असफल वार्ता के कारण अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया।

लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव :

संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव सदन में उपस्थित सदस्यों में आधे से ज़्यादा वोट लेने वाले उम्मीदवार को अध्यक्ष बनाया जाता है।

के सुरेश का नामांकन इंडिया समूह और एनडीए गठबंधन के बीच चल रहे तनाव को उजागर करता है। एनडीए गठबंधन ने कोटा के सांसद ओम बिरला को फिर से अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के लिए इंडिया समूह के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश की।

लोकसभा अध्यक्ष पद कितना महत्वपूर्ण :

लोकसभा अध्यक्ष सदन का मुख्य प्रवक्ता होता है अध्यक्ष के पास संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अनियमित व्यवहार के लिए सदस्यों को अयोग्य ठहराने का अधिकार होता है और सभी संसदीय मामलों में उसका निर्णय अंतिम होता है वह सदस्यों पूरे सदन और उसकी समितियों विशेषाधिकारों का संरक्षक होता है भारत के संविधान के प्रावधानों लोकसभा कि कार्य प्रक्रिया और संसदीय मिसालों का आख़िरी व्याख्याता होता है अध्यक्ष की प्राथमिक जिम्मेदारी सदन के अंदर व्यवस्था और शिष्टाचार बनाए रखना है|

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने क्या कहा था :

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष के लिए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करने को तैयार है चाहे भाजपा उपसभापति का पद इंडिया गठबंधन को आवंटित करने की परंपरा का पालन करे।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रचनात्मक सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की आलोचना की क्योकि राजनाथ सिंह ने समर्थन के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे से संपर्क किया था लेकिन वादे के अनुसार पालन न करने से राहुल गांधी ने व्यक्त किया कि उनके नेता का अपमान है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा की राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे को वापस बुलाएंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष से सहयोग मांग रहे हैं लेकिन हमारे नेता राजनाथ सिंह का अपमान हो रहा है।

लोकसभा के अध्यक्ष को कब व कैसे हटाया जा सकता है?

लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा के जीवनकाल तक पद पर बने रहते हैं।लेकिन हटाया जा सकता है कैसे ?

(1) लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा के सदस्य नहीं रह पाते हैं तो हटाया जा सकता है |1

(2) लोकसभा अध्यक्ष उपसभापति को पत्र लिखकर त्यागपत्र दे देते हैं |

(3) लोकसभा अध्यक्ष को लोकसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा भी हटाया जा सकता है।

(4)प्रस्ताव सदन के विचाराधीन हो तो अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव 14 दिनों की अग्रिम सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है।

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